Ye Boli Zainab-E-Muztar Ali Akbar Ali Akbar
05/09/2021
यह बोली ज़ैनब ए मुज़्तर अली अकबर अली अकबर।
फुफ़ी हैं तेरी नोहागर अली अकबर अली अकबर।।
किसी तकलीफ को बेटा फुफ़ी से कियो छुपाते हो।
ये हैं कियो हाथ सीने पर अली अकबर अली अकबर।।
इसी दिन के लिये पाला था क्या तुझको मशक्क़त से।
बता मुझको मेरे दिलबर अली अकबर अली अकबर।।
तमन्ना थी मेरे दिल मे तेरी शादी राचाऊगी।
बसाऊगी मैं तेरा घर अली अकबर अली अकबर।।
तुम्हारी मौत से अब तो यक़ी होने लगा मुझको।
छिनेगी अब मेरी चादर अली अकबर अली अकबर।।
मदीने में तेरा अहवाल क्या उसको बताऊँगी।
जो पूछेगी तेरी ख़्वाहर अली अकबर अली अकबर।।
मेरे मा जाये कि तशनालबी का हाल कह देना।
मिले जब साक़ीये कौसर अली अकबर अली अकबर।।
तुम्हारी लाश पे देखो हरम नौहा कुना यू हैं।
कि जैसे हो कोई महशर अली अकबर अली अकबर।।
मक़ता
रिज़ा ज़ैनब के नाले आज भी आते हैं सहरा से।
अली अकबर अली अकबर,अली अकबर अली अकबर।।